देश के किसान देशद्रोही हो गए हैं अर्बन नक्सलों के बहकावे में आत्महत्याओं से सरकार को अस्थिर करने की कोशिस तो कर ही रहे थे, अब प्रदर्शन करने पैदल चलकर दिल्ली आ रहे थे लेकिन जिस जनता ने शासन का जनादेश दिया था उसीने सरकार को बंदूक, वर्दी तथा वर्दीधारियों की हुक्मफरोशी खरीदने का पैसा भी दिया है। यह सरकार किसानों का देशद्रोह बर्दाश्त नहीं कर सकती और उन्हें दिल्ली की सीमा पर लहू-लुहान कर दिया, किसान देशद्रोही हो गए हैं, डरना बंद कर दिए हैं। उनको गोली मार दो।
प्राचीन रोम में एक बादशाह था (सन 037-041), कैलीगुला। वह अपने को साश्वत शहंशाह तथा दैवीय समझता था, कहता था कि लोगों की घृणा की उसे परवाह नहीं है, जब तक वे उससे डरते रहें। लेकिन घृणा की अति भय पर भारी पड़ती है तथा उसे खत्म कर देती है। उसके सैनिकों ने ही सरेआम उसे मार डाला और लाश चौराहे पर लटका दी।
यहाँ गली गली कैलीगुला उग रहे हैं लगातार।
ReplyDeleteचिंताजनक
Delete