अकबर ने गंगा-यमुना पर तटबंध (जिसे अब बांध रोड [दारागंज] कहा जाता है) बनाकर दो महान नदियों के बीच के जंगल और दल-दल की जगह एक नायाब शहर बनाया इलाहाबाद। उनके संगम पर शानदार किला बनाकर, क्षेत्रीय सत्ता का केंद्र गंगा के दोनों तटों पर कड़ा (अब कौशांबी जिले में) तथा मानिकपुर (प्रतापगढ़ जिले में) और गोमती तट पर जौनपुर से इलाहाबाद में प्रतिस्थापित किया। उसने विजयी अहंकार में न गंगा, यमुना का नाम बदला न गोमती का। उसने प्रतिभाओं को चुनचुन कर दरबार में रखा। अकबर के मुख्य सेनापति राजा मान सिंह (कछवाहा) थे तथा सैन्य सलाहकार राजा बीरबल (पांडेय), दीनेइलाही कबूल करने वाले वे एकमात्र दरबारी राजा। अकबर के वित्त मंत्री टोडरमल ने दुनिया में जमीन पैमाइश की पहली प्रणाली विकसित की। लगभग दर्जन भर भाषाओं के ज्ञाता, वैष्णव भक्ति वाले रहीम ने संस्कृत के कई ग्रंथ फारसी में अनूदित किए और अपने दोहों के लिए उन्होंने फारसी की बजाय ब्रज भाषा का चुनाव किया। इलाहाबाद का नाम बदलकर बजरंगी इतिहास बदलना चाहते हैं।
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