मतलब निहायत अवसरवादी थे? धर्मनिरपेक्ष भाजपाई अपने आप में एक विरोधाभास है। मैं भोला बाबू को जानता नहीं, लेकिन सीपीआई से भाजपा की अधोगामी राजनैतिक यात्रा प्रशंसनीय तो नहीं हो सकती, भले ही सीपीआई और भाजपा में कोई गुणात्मक फर्क न रह गया हो। ऐसे व्यक्ति का (दिवंगत होने के बावजूद) का महिमामंडन स्वार्थी और निहायत ही अधोगामी राजनीति का महिमामंडन है।
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