Tuesday, December 1, 2015

बोलता जय भारतमाता की

बोलता जय भारतमाता की
सेवा करता अमरीका की
करता सियायत पवित्र गोमाताकी की
इबादत गोभक्षी अंग्रेज भाग्यविधाता की
कहता धरती को भी यह माता ही
नीलामी से उसकी कभी अघाता नहींत
चलाता बहू बेटी बचाने का अभियान
ऑनरकिलिंग में मारता अपनी संतान
करता है प्यार की आज़ादी की बात
प्रेमी हो विधर्मी तो होता लव जेहाद
कहते हैं धरती के सब इंसान समान
राष्ट्रभक्ति में मारते जब मुसलमान
करनी-कथनी के विलोमानुपात ऐसा कमाल
है सभ्यता के दोगलेपन की अनूठी मिशाल
(बस ऐसे ही)
(ईमिः01.12.2015)

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