Tuesday, December 1, 2015

जब तलक धडकन है दिल में

जब तलक धडकन है दिल में
डूबने की बातें न कर
जब तलक बाजू में दम है
किस्मत को दरकिनार कर
हौसलों की बुलंदी से
साहिल की तू फिर से बातें कर
बंद कर रोना नसीब का
करकरपतवार पर मजबूत पकड़
मात दो तूफान को
बढ़ो मझधार का सीना चीर कर
ज़िंदगी ताकत से नहीं हिम्मत से जियी जाती है
जियो ग़म को जशन में तब्दील कर
जब तलक दम है कलम में
हार की बातें न कर
(ईमिः02.12.2012)

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