Monday, January 7, 2013

चीखों की बमबारी


चीखों की बमबारी 

काफी  नहीं है एक चीख कुम्भकरणों के लिए 
निजाम के शातिर चारणों के लिए 
तोड़ने के लिए उदासीनता के साज को 
सुनाने के लिए इस बहरे समाज को 
जरूरत है चीखों की लगातार बमबारी 
दुर्गद्वार पर दस्तक का होता नहीं असर 
करनी पडेगा बमबारी अब इस दुर्गद्वार पर 
चारों दिशाओं से  बार बार लगातार
[ईमि/ ०७..०१.२०१३]

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