चीखों की बमबारी
काफी नहीं है एक चीख कुम्भकरणों के लिए
निजाम के शातिर चारणों के लिए
तोड़ने के लिए उदासीनता के साज को
सुनाने के लिए इस बहरे समाज को
जरूरत है चीखों की लगातार बमबारी
दुर्गद्वार पर दस्तक का होता नहीं असर
करनी पडेगा बमबारी अब इस दुर्गद्वार पर
चारों दिशाओं से बार बार लगातार
[ईमि/ ०७..०१.२०१३]
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