मैंने फ्रांस में कुछ इस्लामी धर्मांधों पर एक पोस्ट में मैंने उसे भारत में हिंदुत्व धर्मांधता में हुई हत्याओं से उसे जोड़ कर डाला। एक सज्जन ने उनके अंतर्संबंधों पर आपत्ति की, उस पर--
तीनों पैरा धर्मांधता पर केंद्रित एक दूसरे से संबद्ध ही हैं। धार्मिक पूर्वाग्रह के चलते कुछ लोगों को शायद एक तरह की धर्मांधता में की गयी हत्या की तुलना में दूसरी तरह की धर्मांधता में की गयी हत्या कम जघन्य लगती होगी, लेकिन मैं सभी धर्मांधताओं को एक समान अमानवीय मानता हूं। तुलनात्मक धर्मांधता की इस पोस्ट को 11 लोगों ने पसंद किया है, एक ही धर्मांधता पर केंद्रित मुनव्वर राणा पर पोस्ट को पचासों लोगों ने। यही हाल मेरी वाल पर है, इस पोस्ट को 60 के आस-पास लोगों ने पसंद की है, उसे 250 से अधिक। लेकिन जब भी सच्चाई और लोकप्रयता में चुनाव हो तो सच्चाई चुनना चाहिए लोकप्रियता अस्थाई और परिवर्तनीय होती है।
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