जेएनयू छात्रसंघ का मौजूदा संविधान 1978 से लागू है। हर छात्रसंघ का संविधान होता है। जेएनयू छात्रसंघ का संविधान लिखने और ड्राफ्टिंग कमेटी में सहमति बनाने में बहुत समय लगा था। संविधान की ड्राफ्टिंग के अध्यक्ष थे दिलीप उपाध्याय (दिवंगत) 8 अन्य सदस्यों में मैं भी था सभी स्कूल-ह़स्टलों से पारित होकर संविधान सभा (जीबीएम) ने स्वीकृत किया। जिसकी प्रस्तावना शुरू होती है .. "हम जेएनयू के छात्र...", कभी लिखूंगा, अपने ढंग के इस अूठे संविधान पर। जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव में विवि प्रशासन या भारत सरकार का कोई दखल नहीं होता।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment