Sunday, September 15, 2019

लल्ला पुराण 279 (क्रिकेट)

आप लोगों के समय में राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट मैच कभी इलाहाबाद में हुआ क्या? मेरे ख्याल से अंतिम ऐसा मैच 1973-74 (या 1972-73) में अंतिम बार होते होते रह गया था। शायद सीके नायडू मैच था। पक्ष-विपक्ष मिलाकर सुनील गवास्कर, मोहिंदर अमरनाथ, गुंडप्पा विश्वनाथ, चंद्रशेखर, बृजेश पटेल, सैय्यद किरमानी ... आदि सारे सितारे थे। आजाद पार्क में स्टेडियम में मैच शुरू हो गया था। मोहिंदर अमरनाथ बाउंड्री लाइन के पास फील्डिंग कर रहे थे। किसी लड़के ने ऑटोग्राफ मांगा, नहीं दिया। फिर किसी लड़की ने मांगा और दे दिया, जहां तक मुझे याद है, ऐसा ही हुआ था, मित्र नृपेंद्र के अलावा उस समय का कोई शायद चुंगी पर है नहीं। इसके अलावा क्या हुआ पता नहीं कि सारे लड़कों ने ग्राउंड में धावा बोल दिया हम 10-15 लोगों ने विश्वनाथ और चंद्रशेखर को घेरे में लेकर अंदर पहुंचा दिए। बृजेश पटेल ने आत्मरक्षा में विकेट उखाड़कर किसी को दौड़ाया और पिट गए। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गयी, पुलिस आ गयी, दौड़ा-दौड़ाकर मारने लगी, हम लोग कैसे-कैसे बच-बचाकर साइंस फैकल्टी होते हुए यूनिवर्सिटी रोड पहुंच गए। हिंदू पॉस्टल गोलचक्कर पर पुलिस और छात्रों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई, हॉस्टल से किसी ने पुलिस को वापस जाने का माइक पर निर्देश दिया। ब्लॉक सर्वेंट और मेस कर्मचारी ईंट-पत्थर का इंतजाम कर रहे थे। धीरे-धीरे छात्र सब निकल कर ब्वॉेएज स्कूल की तरफ भाग गए। डॉ. हरदेव बाहरी को पुलिस वालों ने पकड़ लिया, वे बोले कि रीडर हैं, फिर तो दो-चार लाठी पड़ गयी और पुलिस ने यह कह कर पकड़ लिया कि लीडर है। फिर तो कई दिन पुलिस का डेरा रहा। उसके बाद शायद इलाहाबाद में राष्ट्रीय स्तर का क्रकेट मैच कभी नहीं हुआ। 45-46 साल पुरानी याददाश्त के आधार पर यह लिखा किसी को कुछ याद हो तो सुधार कर दें।

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