Wednesday, September 16, 2020

लल्ला पुराण 345 (देश प्रेम)

 एक सज्जन एक पोस्ट पर भारत में मार्क्स के अनुयायियों पर देशप्रेम को लेकर तंज कस रहे थे, मैंने पूछा कि मार्क्स के किन अनुयायियों को और उनके बारे में क्या जानते हैं? उस पर पहले सवाल को गुल कर दूसरे पर उन्होंने कहा कि इनके दादाजी स्वतंत्रता सेनानी थे, उनके घर के लोग सेना में हैं, एक रिश्तेदार कर्नल रह चुके हैं, बीबी के सगे मामा डीजीपी रह चुके हैं और उनसे देशप्रेम पूछ रहा हूं? उस पर :


मैंने आपके खानदान का इतिहास नहीं पूछा, आपने जो लिखा है उसके बारे में पूछा। पढ़े-लिखे लोगों को जानकारी के साथ लिखना चाहिए यूं ही कुछ भी आंय-बांय नहीं। आपके खानदान के तीन लोग सेना में नौकरी करने गए कि देशप्रेम के लिए? अंग्रेजों की सेना में भी हमारे ही पूर्वज जाते थे, तो उनके घर वाले देश प्रेम पर विद्वता हासिल कर लेते थे क्या? आपके दादाजी स्वतंत्रता सेनानी रहे होगे, लेकिन आप जिन वामपंथियों पर तंज कर रहे हैं, वे कौन हैं? जिस देश प्रेम का भजन गा रहे हैं वह क्या होता है? आपके रिश्तेदार कर्नल रह चुके हैं, बीबी के सगे मामा डीजीपी रह चुके हैं तो उन्हीं से पूछ कर ग्रुप में मार्ग दर्शन करें।

No comments:

Post a Comment