Wednesday, September 16, 2020

लल्ला पुराण 347 (नास्तिक)

 एक सज्जन ने एक पोस्ट में पूछा कि उमर खालिद जब नास्तिक है तो उसके मुसलमान होने के कारण शिकार बनाए जाने की बात क्यों की जा रही है?


उस पर :

क्योंकि सरकार अपने जनविरोधी कृत्यों और आर्थिक नाकामियों को अपने एकमात्र हथियार हिंदू-मुसलिम नरेटिव के आवरण में ढकना चाहती है।

जी उमर एक प्रमाणिक नास्तिक है तथा संघियों और मुसंघियों का समान रूप से विरोधी। उमर खालिद उसी तरह मुसलमान है जैसे ईश मिश्र ब्राह्मण, उसका नाम मुसलमान सा होने के चलते हिंदू-मुसलिम नरेटिव से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की सियासत करने वाले धनपशुओं के दलालों को लोगों को उल्लू बनाकर अपना उल्लू सीधा करने में मदद मिलती है। जेएनयू आंदोलन में उमर और अनिर्बन पर एक ही धाराएं लगीं थीं लेकिन फिरकापरस्ती का जहर बोने वाले अमानुष मुझसे अनिर्बन के नहीं उमर के ही 'देशद्रोह' का हिसाब मांगते थे। दिमाग में भरी सांप्रदायिक दुर्गंध के दुराग्रह से मुक्ति पाइए तो अपने आप इस सवाल का जवाब मिल जाएगा। सांप्रदायिक विषवमन से देश और समाज में विद्वेष फैलाने का घृणित कृत्य शिक्षकीय मर्यादा के विरुद्ध है।

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