Monday, June 15, 2020

खुदा सजा ही देता रहता है

खुदा सजा ही देता रहता है
लुटेरों-हत्यारों को नहीं,
उनकी तो चाकरी करता है
पानेको भारी-भरकम चढ़ावा
सजा देता है
गरीब और असहाय मजदूरों को
कर्ज से दबे आत्म हत्या करते किसानों को
देशबंदी से बेरोजगार हुए
सूरत से पैदल चलकर गोरखपुर पुर जाते
रिक्शा-खोमचा वालों को
अस्पताल-दर-अस्पताल भटकते
किस्मत के मारे बीमार दहकानों को
कितना छोटा हो जाता है खुदा
देकर सजा
जमाने की मार से परेशानों को
खुदा से बड़ा है माफ करने वाला इंसान
जो खुदा को भी माफ कर देता है।
वैसे राज की बात है कि
इंसानों के वहम के अलावा
खुदा कुछ नहीं होता।
(ईमिः 16.06.2020)

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