Sunday, June 14, 2020

विश्वविद्यालय का स्तर

संसाधन की कमी का रोना महज बहाना है
इवि में लाइब्रेरी संस्कृति के अभाव का रोग पुराना है
जाति-धर्म की मिथ्या चेतना की रही है यहां पुरानी रीति
फेस बुकियों में व्यापक चलन में है अंधभक्ति की नीति
चलता नहीं दिमाग अंधभक्तों का जब किसी विषय पर
शुरू कर देते हैं गाना रटा हुआ भजन वामपंथ पर
करते हैं छात्र जब लाइब्रेरी में पढ़ाई देर रात तक
होता है विचारों का आदान-प्रदान चाय के प्याले पर
पढ़ते-लिखते, बोलते बतियाते सब मिल साथ साथ
खतम हो जाती है दिमाग से यौनिक भेद-भाव की बात
पढ़ने-लिखने के साथ साथ साथ वे प्यार भी करते हैं
लिए हाथों में हाथ वे समाज बदलने के लिए लड़ते हैं
बागुबली जो बाकी जगहोंपर साना तान के चलते हैं
जेएनयू में वे पहचान छिपाकर चुपचाप रहते हैं
जेएनयू है और जगहों से इस मायने में कर्क
हर तरह के हमले का उसका जवाब है तर्क
(ईमि: 14.06.20200)

No comments:

Post a Comment