Saturday, October 5, 2019

सिक्षा और ज्ञान 248 (समान शिक्षा)

शिक्षा का संपूर्ण-समग्र राष्ट्रीयकरण होना चाहिए। देश को सभी बच्चों को समान और मुफ्त शिक्षा मिले। शिक्षा राज्य की जिम्मेदारी है। सरकार चाहे तो आय एवं संपत्ति के समानुपाती शिक्षा-कर का प्रावधान बना दे। विद्यार्थियों में कम-ज्यादा फीस देने वाली श्रेणीबद्धता नहीं होनी चाहिए। यूरोप के कुछ देशों में, जिन्हें सरकारी स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पाता, वे ही प्राइवेट स्कूल जाते हैं, जैसा अभी तक हमारे यहां विश्वविद्यालय प्रणाली काफी हद तक बची हुई है। जिसे सार्वजनिक संस्थानों में प्रवेश नहीं मिल पाता, वही प्राइवेट विवि की शरण में जाते है (आम तौर पर)। मध्य और उच्च मध्य वर्गों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो शिक्षा की गुणवत्ता दुरुस्त करने का पर्याप्त दबाव होगा। हम जब जौनपुर में इंटर में पढ़ते थे तो वहां के डीएम की बेटी गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज में पढ़ती थी। एसपी का बेटा टीडी इंटर कॉलेज में हमारी क्लास में था। जीवन में सिख साक्षात पहली बार देखा था, पहले पढ़ा ही था 'सिर पर केश, केश में कंघा......'। उसकी कहानियां, फिर कभी।

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