Paritosh Singh शासक वर्ग के विचार ही शासक विचार भी होते हैं, जिस वर्ग का आर्थिक संसाधनों पर वर्चस्व होता है, बौद्धिक संसाधनों पर भी उसी का अधिकार होता है। पूंजीवाद उपभोक्ता सामग्री का ही उत्पादन नहीं करता. विचारों का भी जो युगचेतना का निर्माण करते हैं। युग चेतना सामाजिक चेतना को प्रभावित करती है। हमारा काम युगचेतना के विरुद्ध सामाजित चेतना का जनवादीकरण कर जनचेतना तैयार करना है, जिसकी पूर्वशर्त है -- जाति-धर्म की मिथ्या चेतनाओं से मोह भंग।
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