Virender S. Negi जी यदि आप सांप्रदायिक (हिंदुत्ववादी) हैं तो आप निश्चित ही जातिवादी भी हैं। जातिवाद सांप्रदायिकता का उपप्रमेय है। हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि ऊंची-नीची जातियों का एक समुच्चय मात्र है। हिंदू कोई नहीं पैदा होता, केोई बाभन पैदा होता है तो कोई चमार। हर सांप्रदायिक जातिवादी (ब्राह्मणवादी) होता है। अगर आप सांप्रदायिक हैं तो जातिवादी भी हैं। जातिवाद और सांप्रदायिकता एक दूसरे के पूरक हैं। बाकी पंजीरी खाकर भजन गाते रहिए। 4 साल की विफलता पर 70 साल का भजन वैसे ही है जैसे किसी को उसके अपराध की याद दिलाइए तो वह दूसरों का अपराध गिनाने लगता है। ऐसा व्यक्ति दोनों अपराधों का औचित्य पेश करता है जो उसकी आपराधिक मानसिकता का परिचायक है।
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