Ranjan Yadav तुम्हारे अंदर के राष्ट्रोह के बीज अंकुरित हो रहे हैं, सीबीयससी के नंबर प्रणाली पर उंगली उठाते हुए 100 साल की दुाई दे रहे,हुए अभी 70 साल? 100 साालों में ज्ञान के विकास की बात कर हमारे पौराणिक पूर्वजों के अपमान से हमारी धार्मिक भावनाएं आहत कर रहे हो। हमारे पौराणिक पूर्वजों सारे अन्वेषण लाखों साल पहले (पाषाण युग) कर चुके थे। बीच में कम प्रचीन पूर्वजों ने मुस्लिम हमलावरों बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित जगहों पर छिपा दिए। हमारे उनसे कम प्राचीन पूर्वज उन्हें फिर से खोजने की कोशिस करते कि अंग्रजों ने हमला कर दिया। अंग्रेज तेज तर्रार थे खोज लिए और ले भागे। बेईमानों ने ऋषियों मुनियों के नामों का विधर्मीकरण करके कॉपी-राइट हड़प लिया। क्या किया 70 साल के नेहरू वंशवाद ने? गौरवशाली विरासत वापस लाने की कोई कोशिस की? मैं तुसे पूछ रहा हूं की कि नहीं की? नहीं की आपलोगों में किसी को मालुम हो तो बताएं, मेरी जानकारी में तो नहीं की। पहली बार राष्ट्र में एक ऐसी सरकार आई है जिसने इतिहास को चुनौती है तथा इतिहास पुर्लेखन की एक कमेटी बनाया है, जिसका मकसद प्राचीन गौरव का पुनर्जन्म है। 70 साल की गड़बड़ी सोचते हो 4 साल में सुलझ जाएगी। कमेटी में अभी अन्वेषण की अवधि पर गहन विचार-विमर्श चिंतन-मनन कर रहीं है कि गौरव का अन्वेषण हजारों साल पहले से किया जाय कि लाखेों। उम्मीद है कि कमेटी के विद्वान सदस्य शीघ्र ही इस विवाद को सुलझा लेंगे तथा 2022 से पौराणिक पूर्वजों के आविष्कार को विदेशियों के चंगुल के छुड़ाने और वैज्ञानिकों के पुनर्नामकरण की परियोजना सुचारु रूप से शुरू हो जाएगी, लेकिन आप हैं कि हमेशा नेगेटिव ही सोचेंगे। फासिजम फासिजम चिल्लाते रहते हैं। फासिजम होता तो आप ऐसे नेगेटिव सोच पाते? आप ही जैसे लोग दुनिया में अपने प्राचीन पूर्वजों के प्राचीन गौरव को छवि को धूल धूसरित करते हैं। हमारे सूरवीर पूर्वजों ने हमलावरों के जवाब क्यों नहीं दिए? यह फिर कभी, एक हमारे धर्मद्रोही पूवर्ज थे बुद्ध उन्होंने हमारे शूरवीरों को अहिंसक बना दिया था।
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