मैं तो मोदी को वोट देने वाले सभी को अपराधी मानता हूं, क्योंकि सभी जानते हैं कि मोदी ने जनसंहार, बलात्कार, आगजनी के आयोजन के बहाने के रूप में 65 धर्मांध कारसेवकों (ज्यादातर गरीब महिलाएं) के जिंदा जलाने का प्रायोजन किया। जितने मोदी समर्थक हैं सब इस नरसंहार के अपराधी हैं। हमारे इलाके से एक यमपी होता था, रमाकांत यादव, पहले बसपा से फिर सपा से 2009 में भाजपा से। 2014 में उसे हराने के लिए मुलायम को खुद आजमगढ़ से चुनाव लड़ना पड़ा। इलाके का एक बच्चा जानता है कि वह हत्या करवाकर नहीं हत्याएं करके नेता बना। पहली हत्या उसने अपने ही एक बाहुबली कजिन की खुले आम एक व्यस्त बाजार (माहुल) के चौराहे पर दिन-दहाड़े की थी। कोई गवाह नहीं था। उसीके बाद वह मायावती का खास चहेता विधायक बना। एक दलित जूनियर इंजीनियर की हत्या करने के बाद वह सपा में चला गया, मुलायम की सरकार थी। फिर वह सपा-बसपा में आवाजाही करता रहा। इलाके में वह नेता जी नाम से जाना जाता है। मैं अपने खानदान के कई लोगों समेत उसके समर्थकों को उसके अपराधों का साझेदार अपराधी मानता हूं। सब जानते हैं कि मोदी मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने के जरिए फासिस्ट सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए हत्या-बलात्कार और फर्जी मुठभेड़ करवाए, गुजरात में भी शामली-मुजफ्फरपुर में भी। उसके सारे समर्थक उसके अपरोधों के भागीदार अपराधी हैं। भक्तिभाव प्रधान देश अपराध प्रधान देश बन गया है। दिवि में अब तो नहीं कह सकता, 2014 में बहुमत मोदी समर्थक था। जिस देश के शिक्षक अपराधी हो वह देश क्या बनेगा?
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