Thursday, February 9, 2017

रक्तपात

मैंने बरसाती पहन कर गुजरात की धरती को खून से सींचा
धरती हो गयी इतनी उपजाऊ
कि अभी तक लहलहा रही है चुनावी फसल
मजदूर जातियां होती ग़र शामिल कत्ल-ए-आम में गुजरात की तरह
मुजफ्फरनगर को देकर विस्तार उत्तरप्रदेश को गुजरात बनाता
मगर नहीं खौला खून नंगे-भूखे मजदूरों का है जिनका बहुमत
अलख जगाया महज धनी किसानों ने थे जो कुछ ही गांवों में दबंग
फिर भी उतनी ही सिंचाई से काटी एक चुनावी फसल
लेकिन चुनाव में अभी कई दिन बाकी हैं
जहर फैलाने को फिलहाल आदित्यनाथ और साक्षी हैं
अभी तो हमारी ट्रंपकार्ड साध्वी उमा भारती हैं.

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