बदल दो इतिहास और भूगोल
चपटी है धरती नहीं है गोल
नहीं था अंग्रेजों का दलाल गोलवल्कर
गया था वह जंग-ए-आज़ादी में जेल
नहीं था पहले आर्कटिक क्षेत्र में उत्तरी ध्रुव
लिखा जैसे गोलवल्कर ने
था वह पहले आज के उड़ीसा और बिहार में
नहीं लिखा था माफीनामा सावरकर ने
सिखाया था उसने भगत सिंह को इंकिलाब का पाठ
नहीं न्योता था राणा सांगा ने
बाबर को करने को हमला दिल्ली सल्तनत पर
न ही भागा था मेवाड़ से देख शेरशाह की सेना
दी थी उसने उसे करारी शिकस्त
राणाप्रताप नहीं छिपा था जंगल में हारकर मान सिंह से
दी थी उसने अकबर को करारी शिकस्त
जानेंगे नवजवान यदि सही सही का इतिहास
पूर्वजों की छवि का हो जाएगा सत्यानाश
(ईमि: 12.02.2017)
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