मैं खुद अपना भाग्यविधाता हूं
और अपनी आत्मा का दिशा-निदेशक
आक्रोश और आंसुओं की इस दुनिया में
विभीषिकाओं के तांडव डरा नहीं पाए मुझे
निर्भय जीवन के संकल्प को तोड़ नहीं सकते
सत्ता की धमकियां और ज़िंदगी की गर्दिशें
तोड़ नहीं सकते आसमान में उड़ने की खाहिश
अरमान अगर अडानी की जहाज में उड़ने के नहीं
दुनिया बदलने के हों
(सुबह सुबह कलम की यूं ही आवारगी)
(ईमि: 16.02.2017)
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