वामपंथियों को गाली देकर आप ब्राह्मणवाद और कॉरपोरेट की ही सेवा कर रहे हैं. संघियों की तरह बात कुछ भी हो आपको भी वाम का भूत तंग करने लगता है. यही नवब्राह्मणवाद है जो ब्राह्मणवाद का पूरक है. मायावती का योगदान उप्र में दलित दावेदारी में कैटलिस्ट का रहा है. भाजपा के सहयोग से और अलग से भी जब भी सत्ता में रहीं दलित विरोधी क़रपोरेटी नीतियों को आगे बढ़ाया. इलाहाबाद-कौशांबी के बालू खनन मजदूरों और इलाहाबाद के विस्थापन विरोधी आंदोलनों का दमन ज्वलंत उदाहरण हैं. गुजरात के अभूतपूर्व नरसंहार और सामूहिक बलात्कार के नायक के साथ मंच साझाकर नरसंहार के नायकों का प्रचार करने गुजरात गयीं थी. अस्मिता राजनीति की सीमाएं हैं, क्रांतिकारी बदलाव के लिए सामाजिक चेतना का जनवादीकरण जरूरी है. मायावती के राजनैतिक सलाहकार और पैसा उगाहने वाले सदा सवर्ण रहे हैं.
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