Saturday, February 1, 2014

मेरी बेटियों

उठो मेरी बेटियों
करो बुलंद नारे नारीवाद के
तोड़ो खूनी पंजे मर्दवाद के
ये रातें हैं, ये सड़कें हैं आपकी
 नहीं बलात्कारी के बाप की
छोड़ो मत निडर घूमने की बात
भयमुक्त कर दो दिन और रात
सहो मत प्रतिकार करो
मर्दवाद के दुर्ग पर लगातार प्रहार करो
विचरण करो सड़कों पर होकर निडर
भाग जायेंगे कायर दरिंदे भय खाकर
(ईमिः01.02.2014)

1 comment: