Sunday, February 23, 2014

नहीं बनेगा बौना इंसान


जो तलाशते हैं सारी महानता अतीत में 
भागते हैं दूर मौजूदा संघर्षों से
और करते हैं साज़िश भविष्य के साथ
बेच ज़मीर टाटा और अंबानी को 
मचाते शोर बंदेमातरम् का
और सौंपते हैं मुल्क वालमार्ट के हाथ
कहते हैं राष्ट्र करेगा तभी तरक्की
होगी जब संप्रभुता की बिक्री
आयेगा रामराज तभी 
खत्म हो जायेंगे जब अल्प संख्यक सभी
बनेगा राष्ट्र तभी महान 
बौने बन जायेंगे जब इंसान
तोड़ना है इनकी साज़िशें 
खत्म करके आपसी रंजिशें 
मुल्क बनेगा तभी महान 
मुक्त होगा जब मजदूर-किसान 
आयेगा तब नया बिहान 
नहीं बनेगा बौना इंसान 
(ईमिः 24.02.2014)


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