हर तानाशाह अपना सफर इतिहास के साथ बलात्कार से शुरू करता है. इतिहास गवाह है. इतिहास बोध से वंचित होने के कारण तानाशाह अपने पूर्वजों की दर्दनाक अंत की कहानियां नहीं पढ़ना-जानना चाहता और यह भी नहीं कि इतिहास के साथ उसके इस अपराध की सजा फसके नाम पर थूक कर आने वाली पीढ़ी-दर- पीढ़ी देती रहती है. वह तो ताकत के नशे में उन्मत्त रहता है. भक्ति-भाव की अफीम में धुत्त, उसके विवेकहीन भक्त (ज्यातर पढ़े-लिखे, विवेकहीन इसलिए कि वे विवेक इस्तेमाल करके य़ह जानने की कोशिस नहीं करते कि किस गुण से वह उनका भगवान बन गया) भी पढ़ने-जानने की कोशिस नहीं करते कि इतिहास तानाशाहों के भक्तों के साथ कैसा सलूक करता है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment