Wednesday, September 18, 2013

बेलौस मुहब्बत


हम क्यों बदलें देख दुनिया की हिमाकत
बेलौस मुहब्बत करते रहेंगे हम
गम-ए-जहां में मिलाकर दिल का गम
अज्म-ए-जुनूं से आगे बढ़ते रहेंगे हम
[ईमि/१८.०९.२०१३]

No comments:

Post a Comment