जमातियों और संघियों ने की मजहब पर खतरे की बात
मच गई हर हर महादेव और अल्ला-हो-अकबर की उत्पात
मजहब बचा कि नहीं ये तो वही जानें या खुदा जाने
उनके इस धर्मोंमाद ने लेली कितने इन्सानों की जानें
किया कत्ल-ए-आम लूटा-जलाया मकान-ओ-दुकानें
दिखाते ये दरिंदे अपनी अपनी मज़हबी मर्दानगी की शान
लूटते इज्जत औरतों की लेने से पहले उनकी जान
इन्सानियत की लाशों पर चाहते हैं करना मतदान की खेती
फर्क नहीं पड़ता इनको कि थीं वे औरतें किनकी बहन बेटी
लोगों के सोये ज़मीर को जगाने का अलख जलाना है
उन्हें इन दरिंदों के असली चेहरे से वाक़िफ कराना है
इस उन्मादी भीड़ में बन जाते जो दरिंदे और हैवान
हिन्दु-ओ-मुसलमान से बनाना है उन्हें इन्सान
[ईमि/16.09.2013]
मच गई हर हर महादेव और अल्ला-हो-अकबर की उत्पात
मजहब बचा कि नहीं ये तो वही जानें या खुदा जाने
उनके इस धर्मोंमाद ने लेली कितने इन्सानों की जानें
किया कत्ल-ए-आम लूटा-जलाया मकान-ओ-दुकानें
दिखाते ये दरिंदे अपनी अपनी मज़हबी मर्दानगी की शान
लूटते इज्जत औरतों की लेने से पहले उनकी जान
इन्सानियत की लाशों पर चाहते हैं करना मतदान की खेती
फर्क नहीं पड़ता इनको कि थीं वे औरतें किनकी बहन बेटी
लोगों के सोये ज़मीर को जगाने का अलख जलाना है
उन्हें इन दरिंदों के असली चेहरे से वाक़िफ कराना है
इस उन्मादी भीड़ में बन जाते जो दरिंदे और हैवान
हिन्दु-ओ-मुसलमान से बनाना है उन्हें इन्सान
[ईमि/16.09.2013]
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