जब से हुआ इस दुनिया में खुदा का वजूद
हो गया इंसान इंसानियत से महफूज़
फंस गया वह मज़हबों के मायाजाल में
चल पड़ा फिरकापरस्ती की भेड़ चाल में
नहीं रहा कभी निजी आस्था का मामला
तैयार करता रहा है रक्तपात का मसाला
कभी नहीं रहा मज़हब सियासत से ज़ुदा
दिखता रहा है खुदा बनकर ना-खुदा
करते हैं इसके नुमाइंदे हमला इंसानियत पर
शरमाते नहीं पोप-मुल्ला-बाबा की हैवानियतपर
करते हैं ये मानवता पर भीषण अत्याचार
बेटी-मां का साथ-साथ सामूहिक बलात्कार
करता हूँ किसी भगवान को मानने से इंकार
होता है जिसके नाम पर हैवानी दुराचार
हो गया इंसान इंसानियत से महफूज़
फंस गया वह मज़हबों के मायाजाल में
चल पड़ा फिरकापरस्ती की भेड़ चाल में
नहीं रहा कभी निजी आस्था का मामला
तैयार करता रहा है रक्तपात का मसाला
कभी नहीं रहा मज़हब सियासत से ज़ुदा
दिखता रहा है खुदा बनकर ना-खुदा
करते हैं इसके नुमाइंदे हमला इंसानियत पर
शरमाते नहीं पोप-मुल्ला-बाबा की हैवानियतपर
करते हैं ये मानवता पर भीषण अत्याचार
बेटी-मां का साथ-साथ सामूहिक बलात्कार
करता हूँ किसी भगवान को मानने से इंकार
होता है जिसके नाम पर हैवानी दुराचार
[ईमि/21.09.2013]
thanx comrade
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