Saturday, May 28, 2022

 मैंने तो खोमैनी के फतवे और कट्टरपंथियों द्वारा उसके विरोध के चलते सैटनिक वर्सेज के संदर्भ पुस्तकों पर पाबंदी के खिलाफ लिखने के लिए (वह लेख 'अभिव्यक्ति पर सांप्रदायिक घटाटोप', खोजना चाहिए/खोजूंगा) कठिनाई से पुस्तक की फोटोकॉपी का जुगाड़ कर पढ़ा। 'मिड नाइट चिल्ड्रेन' की तुलना में इसकी साहित्यिक स्तरीयता बहुत कम है। मैंने अपने लेख में लिखा था कि लगता है रश्दी और खोमैनी में कोई अनकही मिलीभगत है, प्रतिबंध के चलते पुस्तक की लोकप्रियता बढ़ गयी थी। पुस्तकों पर प्रतिबंध के विरुद्ध हूं, लोगों को पढ़कर खारिज करने दीजिए।


बिना पढ़े किताब और उसके मूल्यांकन-पुरस्कार पर फैसलाकुन राय और लेखक के निराधार चरित्रहनन बौद्धिक अपराध है। अंतर्राष्ट्रीय बुकर्स पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि की रेत की समाधि पढ़ने पर पैसा और समय नहीं खर्च करना चाहते तो बिना पढ़े समीक्षा लिखने से बचिए। पैसा और समय खर्च कर द गॉड ऑफ स्माल थिंग्स पढ़ा था तो उसकी साहित्यिक समीक्षा कीजिए। थोड़ा दिमाग लगाइए तो पाएंगे गॉड ऑफ स्माल थिंग्स भाई-बहन के संबंधों पर नहीं सीपीएम किस्म की राजनीति पर एक आलोचनातात्मक टिप्पणी है।  

No comments:

Post a Comment