Tuesday, May 10, 2022

धर्मांतरण

 सर्वाधिक धर्मांतरण आर्थिक रूप से स्वतंत्र किंतु सामाजिक रूप से परतंत्र कारीगर शूद्र जातियों ने किया। बलात् धर्मांतरण होता तो पूरे भारत में मुसलमान बहुसंख्यक होते। अकबर और औरंगजेब (मुगलों) के दरबारियों तथा जागीरदारों में राजपुताने के ज्यादातर रजवाड़े और मराठे थे, किसी का धर्मांतरण नहीं हुआ। अकबरकाल में तो राजपुताने में एक महाराणा प्रताप थे जिन्होंने अपनी आजादी के लिए विद्रोह की मशाल जलाए रखा। औरंगजेब के समय तो मेवाड़ समेत सारा राजपुताना मुगलदरबारी था। जैसे राणा प्रताप के विरुद्ध हल्दी घाटी की लड़ाई में अकबर के सेनापति आमेर के राजा मान सिंह थे वैसे ही शिवाजी के विरुद्ध पुरंदर की सुविदित लड़ाई और संधि में औरंगजेब के सेनापति जय सिंह थे। राज-पाट की लड़ाई होती थी धर्म की नहीं। मुगलों और अंग्रेजों ने जातियों के वर्णाश्रमी पिरामिड से छेड़-छाड़ करने की बजाय इसका इस्तेमाल अपना वर्चस्व कायम करने में किया।

No comments:

Post a Comment