पानीपत युद्ध में बाबर की सेना में विजित सिंध और पंजाब के पराजित सैनिक भी थे। पर्शिया पर विजय के बाद सिकंदर की सेना में पर्शियन सैनिक और अधिकारी बहुमत में थे। ऐतिहासिक रूप से वैतनिक सैनिक वेतन और लूट में हिस्सेदारी के लिए सैनिक होता रहा है। शिवाजी और औरंगजेब दोनों की सेना में भोजपुरिए सैनिकों की बहुतायत थी। बक्सर सैन्य व्यापार का बड़ा केंद्र हुआ करता था। शिवाजी ने जब वेतन बढ़ाने और चौथ बंद करने की घोषणा की तो बहुत से सैनिक उनकी सेना छोड़ किसी और राजा की सेना में जाने की धमकी दिए और शिवाजी को चौथ बंद करने का फैसला बदलना पड़ा। गौरतलब है कि चौथ, सैनिकों में बंटने वाला युद्ध में लूट के माल का चौथाई हिस्सा होता था।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment