मनुष्य अपना इतिहास खुद रचता है
मनुष्य अपना इतिहास खुद रचता है
लेकिन अपने चुने हुए हालात में नहींवक्त और हालात तो मिलते हैं उसे विरासत में
उनमें तब्दीली नियम है प्रकृति के गतिविज्ञान का
लेकिन तब्दीली की दशा और दिशा तय करता है
मनुष्य का सुविचारित चैतन्य सतत प्रयास
(ईमि:21.05.2022)
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