Tuesday, November 19, 2019

बचपन 12

Paritosh Singh जौनपुर तो मेरी बौद्धिक यात्रा का पहला पड़ाव है। जौनपुर में कहां है आपका स्कूल? जब भी घर या पूर्वी उत्तर प्रदेश की कहीं की किसी भी यात्रा का अवसर मिलता है तो जौनपुर होकर जाने की गुंजाइश जरूर निकालता हूं। कभी कोई किसी कार्क्रम का आमंत्रण देता है तो साभार स्वीकार कर लेता हूं। 1967 में 12 साल में जब मैंने मिडिल स्कूल पास किया तो गांव से पैदल की दूरी में कोई हाई स्कूल नहीं था, 'ब्लेसिंग इन डिस्गाइज' बाहर निकलने का मौका मिल गया। जूनियर हाई स्कूल बोर्ड, आजमगढ़ में पहली पोजिसन थी तो आगे पढ़ाई करनी ही थी। उस समय फर्स्ट डिविजन ही बहुत बड़ी बात माना जाता था। घर से सबसे नजदीक का कस्बा शाहगंज है, मैंने सोचा जब घर से बारजाना ही है तो कस्बे की बजाय शहर जाऊं तो जौनपुर चला गया। थोड़ा और सोचता तो बनारस चला जाता। हाई स्कूल, इंटर की पढ़ाई टीडी कॉलेज जौनपुर से किया। बहुत कहानियां हैं फिर कभी। पूरा शहर पैदल घूमता था। जिस भी सप्ताहांत में घर नहीं गया तो किराये की साइकिल से, दोस्तों के साथ घूमने चौकिया जाता था या फिर पैसेंजर से बिना टिकट बनारस, वहां से किराये की साइकिल में सारनाथ। मैं जेएनयू का छात्र रहा हूं, शिक्षक दिवि में था। आप कुद्दूपुर के तो नहीं हैं?

No comments:

Post a Comment