Thursday, November 21, 2019

लल्ला पुराण 294 (जेएनयू)

इस ग्रुप में कहीं किसी खेत के किनारे ट्यूबवेल के पास चूतड़ के घाव दिखाते किसी का फोटो चिपका कर जेएनयू के बच्चों को पीटने के लिए पुलिस को साधुवाद देते हुए एक फर्जी पोस्ट है। ऐसे फरेबी और बच्चों की पिटाई का जश्न मनाने की अमानवीय संवेदना के लोग इवि के नाम पर घटिया कलंक हैं। बर्बर हमले से लहू-लुहालन तस्वीरें छात्रों ने खुद शेयर की हैं, उन्ही को शेयर कर जश्न मना सकते हैं और हिंसक मानसिकता का परिचय दे सकते हैं, फर्जीवाड़ा कर इवि को बदनावम करने की क्या जरूरत है? जेएनयू के छात्रों की प्रोटेस्ट की किस जगह खेत तथा ट्यबवेल है? बहुत अफशोस है कि हमारे इवि से ऐसे फरेबी मानसिकता और बर्बर संवेदना के लोग निकलने लगे हैं। जेएनयू में इवि के भी बहुत छात्र गए हैं। इस तरह के फर्जीवाड़ा करने वालों की घोर निंदा की जानी चाहिए। दुर्भाग्य से इस फर्जीवाड़े तथा छात्रों पर बर्बरता का जश्न नमाने वालों में इवि के एक शिक्षक भी शामिल हैं जिनकी भाषा पढ़कर मुझे एक शिक्षक होने के नाते शर्म आने लगी।

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