मैं कल सुबह से ही इस पर लिखने बैठा हूं लेकिन दिमाग ही नहीं काम कर रहा है। कहां से आती है ऐसी क्रूर अमानवीय संवेदना? आशिफाओं के गुनहगारों के हिमायतियों को जनश्रुतियों के हैवानोंं की किस कोटि में रखा जाये? कि यह हैवानियत का नया मानक है? भारत माता की जय के भयावह नारे के साथ वे राष्ट्रवादी दो पाए दोषियों की गिरफ्तारा का विरोध कर रहे थे। मृतक के वकील को अदालत में जाने से रोक रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने इन वकीलों की संविधान-विरोधी, मतलब देशद्रोही हरकतों का स्वतः संज्ञान लेते हुए जम्मू बार कौंसिल समेत सभी बार कौंसिलों को इस तरह की संवेदनहीनता से बाज आने की हिदायत जारी किया है। #JUSTICEFORASHIFA
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