Samar Anarya तुम तो सरस्वती शिशुमंदिर मं प्रशिक्षित हो, मैं भी शाखा तथा शिविरों में भक्तिभाव से तमाम जाहिल प्रचारकों के जहालतपूर्ण मक्कारी के बौद्धिक सुन चुका हूं तथा इन आतताइयों के बालप्रेम भी देख चुका हूं, Nikhilesh Singh जिस गलीच भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, विरोधियों के लिए संघ में यही भाषा सिखाई जाती है, इनकी मां-बहन भी यदि इनकी भक्ति भाव में बाधक बनीं तो ये उनके लिए इसी भाषा का प्रयोग करेेंगे. बजरंगी भक्तों समेत सब जानते है गोधरा में कोच सी 6 में मोदी की योजना के तहत आ्रग बजरंगी नरपिशाच लंपटों ने लगाई थी, कॉरपोरेटी दलाली तथा जनविरोधी नीतियों के चलते भाजपा सरकार की लोकप्रियता रसातल में पहुंच गयी थी तभी साम्राज्यवादी फिक्सर अरुण जेटली, तथा धर्मोंमाद फैलाने वाले देशद्रोही अडवानी की साज़िश के तहत मोदी को सीधे शाखा से उठाकर मु्ख्यमंत्री बना दिया. अयोध्या के आस-पास के लोगों की तुलना में गुजराती कारसेवकों को राम की ज्यादा चिंता हुई.जो मोदी की सत्ता शुरी होते ही कीरसेवा का दौर शुरू हो गया. महीनों से तलवार त्रिशूल बांटे जा रहे थे. जो भी गोधरा गया होगा तथा नुमाइश की तरह खड़े सी 6 कोच देका होगा उसे सहजबोध से ही पता चल गया होगा कि तलवार-त्रिशूल से लैस हजारों कारसेवकों की अवनत (non elevated) प्लेटफ़ार्म पर खड़ी गाड़ी में बाहर से इतनी बड़ी आग लगानना असंभव था. मान लीजिये ाग बाहर से लगी भी तो कम-से-कम 15-20 मिनट लगेड होंगे, इस दौरान बजरंगी कारसेवक क्या कर रहे थे? 10-20-100 आग लगाने वालों को जाने कैसे दिया? घटना के 5 मिनट के अंदर, बिना किसी जांच के दिल्ली में अडवानी को तथा अहमदाबाद में मोदी को मालुम हो गया कि आग मुस्लिम आतंकवादियों ने लगाई. सूबे का प्रशासक होने के नाते मोदी का फर्ज था स्थिति से निबटने के लिए अमन-चैन के तरीके अपनाते लेकिन वे बजरंगियों को ललकारने तथा माहौल को विषाक्त करने के लिेए बजरंगियों को तो छोड़िये, पुलिस प्रशासन को ललकारने लगे. शोक मनाने की बजाय लाशों का जुलूस निकलवा दिया. यदि गोधरा पूर्वनियोजित न होता तो 24 घंटे में इतने बम, सीलिंडर, तलवार-त्रिशूल के साथ सूबे के अलग-अलग हिस्सों में इतना बड़ा कोहराम कैसे मचा पाते? जाफरी फोन पर मोदी से जान की भीख मांगते गुहार लगाते रहे, मोदी कार के नीचे कुत्ते के दबने का डायलॉग सोचते हुए बांसुरी बजाते रहे. हमने 2002 की अफनी रिपोर्ट में इसका व्यापक विश्लेषण किया है. तनाशाह को सत्ता चाहिये मरने वाला चाहे कारसेवक हो या निरीह मुसलमान. इन भक्तों को कल्पना करने की सलाह देता हूं कि जिस गर्भवती महिला का पेट पाड़ भ्रूण आग के ह8वाले किया वह यदि आपकी मां या बीबी होती तो कैसा लगता. यदि बिलकिसबानो, जिसके साथ सामूहिक-सार्वजनिक बलातकार के बाद मरा समझ छोड़ दिया था मोदी के बजरंगी बीरों ने वह आपकी बहन या बीी या बेटी लगती तो कैसा लगता. इसान बनो बजरंंगियों, दिमाग का इस्तेमाल करो.
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