Sunday, July 5, 2015

मोदी विमर्श 47

Sumant Bhattacharyaफिलहाल तक तो ईशाई मिशनरियां अादिवासियों को शिक्षित करने को अलावा कोई देश तोड़क काम न कर पाये, हां अंग्रेजी हुक्मरानों ने आरयसयस-हिंदू महासभा तथा जमाते इसलामी-मुस्लिम लीग जैसी दलाल ताकतों के जरिये देश तोड़ने में जरूर कामयाब रहे. इस समय देश के टूटने तथा दयनीय हालत में पहुंचने का खतरा क़रपोरेटी दलाल संगठनों से है जिसका मुखिया मोदी है, जो हर हाल में किसानों को बेदखल करने सामाजिक कल्याण क्षेत्र की नीलामी तथा शिक्षा को नष्ट करने पर तुली है. घोटालों तथा अर्धशतक के पा पहुंच रही व्यापम् स्वाभाविक मौतों से ध्यान हटाने के लिये तुम्हारे जैसे लोग धर्म-कर्म का शगूफा छोड़ते रहते हैं. धर्म को नहीं धर्म से लोगों को खतरा है, मुद्दा कालेधन का है, बेरोजगारी का है, गरीबी का है, देश की नीलामी का है,. धर्म-कर्म की बातें मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिये प्लांट की जाती हैं, पता नहीं तुम स्वतः ये सब कर रहे हो या टीमवर्क के रूप में.

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