Saturday, July 4, 2015

तस्वीर

न बंद किया होता लिखना कविता ग़र तस्वीरों पर
जरूर लिखता इस काव्यमय तस्वीर पर एक उड़ती कविता
शब्दों में पिरोता आंखों में छिपा तक़लीफ़ का उमड़ता समंदर
चेहरे पर  आत्मविश्वास से लबरेज दुनिया बदलने का संकल्प-भाव
जब भी फिर कभी शुरू करूंगा कविता लिखना तस्वीरों पर
जरूर लिखूंगा इस तस्वीर के विद्रोही तेवर पर एक लंबी कविता. 
(ईमिः 05.07.2015)

No comments:

Post a Comment