Thursday, July 2, 2015

ईश्वर विमर्श 36

एक अत्याधुनिक दिखने वाले सज्जन ने  गोली टोपी में अपने 10 साल के बेटे की तस्वीर पोस्ट किया फक़्र से दावे के साथ कि उसने कुरान के 30 अध्याय हिफ्ज (रट) कर लिये. मुझे अपना बचपन याद,  मैं भी इस उम्र तक गीता के तमाम श्लोत तथा राम चरितमानस के दोहे-चौपाइयां भक्ति भाव से कंठस्थ कर चुका था. मैंने कमेंट किया कि मां-बाप बच्चे को पैदा होते ही बिगाड़ना शुरू कर देते हैं. एक सज्जन ने कहा कि मैं कुरान पढ़ लूं तो पता चल जायेगा कि कितना फायदा है इसमें. मैंने जवाब में लिखा ---

@amir rizvi
कुरान पढ़ चुका हूं,  हदीश भी. सभी धर्म ग्रंथों की तरह ये भी अंध अास्था के नाम पर सोच को संकीर्ण करते हैं अौर बच्चों के स्वतंत्र-स्वस्थ विकास को विकृत. थोडा समझने लायक होने दीजिये तथा उसे तय करने दीजिये क्या पढ़ेगा. मेरा बचपन भी गीता के श्लोक पढ़ते बीता जिसके कुप्रभावों को खत्म करने में बहुत ऊर्जा जाया करनी पड़ी. बंददिमाग मां-बाप बच्चों का भला करने की बजाय उन्हे तोता बनाते हैं तथा अपनी कमजोरिया अौर धर्मभीरुता बच्चों पर थोपते हैं.  मेरी सहानुभूति है बच्चे के साथ, डर है कि बच्चे पर मुसंघी प्रभाव न पड़े तथा उम्मीद है वह बचपन के इन बुरे संस्कारों से निपटने में कामयाब होगा.

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