Wednesday, April 19, 2017

बर्खास्त सिपाही

बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर तुमको सलाम
लिखोगे तुम एक अलग लड़ाई का कलाम
इतिहास रचा था गढ़वाली सैनिकों ने जब लगाया दिमाग
दिया जब निहत्थों पर गोलीबारी की हुक्मनाफरमानी को अंजाम
याद आती है इतिहास की वह उन्नीस सौ तीस की बात
सड़कों पर निकली थी जब लाल-कमीजियों की जमात
फैला रहे थे ये खुदाई खिदमदगार
जंग-ए-आजादीआजादीके विचार
मांग रहे थे ये हर जोर जुल्म से आजादी
लूट-खसोट के अंग्रेजी राज से आजादी
सोचने, बोलने, लिखने, पढ़ने की आजादी
नेता इनकेअब्दुल गफ्फार खान सरहदी गांधी
रोकने को पेशावर में भावी जनसैलाब की आंधी को
बंदी बना लिया अंग्रेज हाकिमों ने सरहदी गांधी को
सपने में भी नहीं सोचा होगा अधम अंग्रजों ने यह बात
दावानल सा फैल जाएगा पूरे सूबे में विद्रोही जज़्बात
हुक्मरानी की बुनियाद है गरीब से गरीब का रक्तपात
पहनकर वर्दी भूल जाता है सिपाही तर्क-विवेक की बात
हुक्म दिया अंग्रेज हाकिम ने गढ़वाली रेजिमेंट को
निहत्थे खुदाई खिदमदगारों को गोलियों से भून दो
गढ़वाली सिपाहियों ने वर्दी का अनुशासन तोड़ दिया
बिन सोचे हुक्मफर्मानी का सैन्यधर्म छोड़ दिया
लगाया जब दिमाग हो गया बहुत बवाल
सत्याग्रहियों से था न किसी दुश्मनी का सवाल
कर दिया इंकार और नहीं चलाया हमवतनों पर गोली
सिपाहियों की अगली कतार में थे वीर चंद्र सिंह गढ़वाली
बौखला गया था इस विद्रोह से सम्राज्यवादी प्रशासन
हिल गया था लंदन में रानी विक्टोरिया का सिंहासन
गढ़वाली विद्रोह की खबर हवा सी फैल गयी
सेना के इतिहास में एक नई मिशाल बन गयीे
संक्रामक न हो पाए विद्रोह की बात
सारे सिपाही कर दिए गये बर्खास्त
इतिहास है अब बाद की बात
संक्रामक न हो सका विद्रोही जज्बात
आगे कई सालों तक औपनिवेशिक लूट जारी रही
जंग-ए-आजादी के मतवालों पर चलाती रही सेना गोली
खेलते रहे अंग्रजों के हिंदुस्तानी सिपाही उनके खून से होली
(ईमि: 19.04.2017)

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