बनारस की गलियों में घूमिए, लगेगा कहां भूलभुलैया में आ गये. स्कूल दिनों जब भी बनारस जाता, किसी भी गली में घुस जाता था क्योंकि किसी ने बताया था कि हर गली कहीं न कहीं घाट पर मिलेगी, वहां से दशास्वमेध और फिर गोदौलिया. आप उस मुहल्ले में जाइए जिसे जानकारियों के अभाव में और सामाजिक पूर्वाग्रहों के चलते आप मिनी पाकिस्तान कह रही हैं तो पाएंगी वहां भी आपकी ही तरह के हाड़ मांस के इंसान रहते हैं.
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