जयभीम लाल सलाम के नारे के साथ संगठित हो जंग-ए-आजादी का ऐलान करना है. मैं तमाम आरक्षणवादी मित्रों से बार बार यही कह रहा हूं कि चुनावीतंत्र में संख्याबल के महत्व को देखते हुए किसी पार्टी की सरकार आरक्षण प्रत्यक्ष नहीं खत्म करेगी, कॉरपोरेटीकरण से अप्रासंगिक बना देगी. आर्थिक-सामाजिक न्याय की एकता स्थापित करनी पड़ेगी तभी इतनी मजबूत दानवी ताकत से लड़ सकेंगे.
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