क्या राष्ट्र की सुरक्षा और भ्रष्टाचार-दुराचार एक दूसरे से जुड़े हैं? एक गरीब इंसान परिवार की रोटी के लिए सिपाही बनता है और बिना सवाल हुक्म मानने का मौन बचन देता है. वह रोटी में भ्रष्टाचार की शिकायत करता है तो राष्ट्र की सुरक्षा के नाम पर अनुशासनहीनता के इल्जाम में प्रताड़ित कर निकाल दिया जाता है. सुप्रीम कोर्ट सरकार से मणिपुर में मुठभेड़ के नाम पर डेढ़ हजार से अधिक हत्याओं की जांच का आदेश देती है, राष्ट्र का महाधिवक्ता कहता है, इससे राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है तो मणिपुरी का भी एक भारतीय नागरिक के समान ही नागरिक अधिकार होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट तो महज जांच की बात कर रहा है, मुठभेड़ फर्जी होने का फैसला नहीं. दाढ़ी में तिनका क्यों?
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