Thursday, August 4, 2016

जज्बातों के दुस्साहस

परवाह क्यों करते हो किसी भी बात की
छोटी हो या बड़ी
तुमने तो पार किए हैं तकलीफ के उमड़ते समंदर
जज्बातों के दुस्साहस से
हा हा
(ईमिः 04.08.2016)

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