Saturday, August 17, 2013

खुदा का बुत

मित्र खुर्शीद अनवर की बुत बनने की खाहिश पर खुदा से मेरी गुजारिश--

खुदा के बुत से गुजारिश है की तुम्हारी यह खाहिश पूरी कर दे, कर तो मैं भी सकता हूं , लेकिन बहुत झंझट का काम है. पहले तुम्हारी उल-जलूल ये सब बातें और ईश-निंदा और उनके भक्तों को गाली-गलौच की तुम्हारी काफिराना हरक़तों और देशद्रोह को प्रोत्साहन देने वाली तुकबंदियों को इकट्ठा करके छापना और उन्हें महान प्रमाणित करना पडेगा, दोस्तों से चन्दा इकट्ठा करके तुम्हे मारने की सुपाड़ी देना पडेगा ताकि हम तुम्हे शहीद साबित कर सकें. fir धरना-जुलूस, आमरण अनसन करना पड़ेगा जिससे सरकार तुम्हारी शहादत पर मुहार लगाने के लिए मजबूर हो जाए और जे.एन.यु. के पूर्वी द्वार के पास के तिराहे को गोलचक्कर में तब्दील करके वहां तुम्हारा आदमकद बुत लगे और पूर्वी मार्ग से शैक्षणिक परिसर के गोलचक्कर तक की सड़क को शहीद खुरशीद(खुर) मार्ग घोषित करे. अब सोचये खुदा साहब कितनी झंझट है, अगर हम इतना कर सकते तो इस कमबख्त के साथ मिलर आप और आपके बन्दों के खिलाफ कोहराम न मचा देते! इसलिए हे खुदा साहब आप को तो बस उंगली हिलाना है(अगर खुदाओं के उंगली होती हो) और मेरे इस बदमिजाज दोस्त की बुत बनकर सभी तरह के जज्बातों से मुक्ति की खाहिश पूरी हो जायेगी.

No comments:

Post a Comment