Friday, August 2, 2013

खुदा


खुदा किसी का नहीं होता क्योंकि वो खुद नहीं होता
खुदा खुशफहमी है खाक़नसीनों का
वर्चस्व का हथियार है कमीनों का
आत्मा है आत्माविहीन दुनिया का
जुल्म के मातों को देता राहत का आभास
जैसा कहा है कार्ल मार्क्स ने
अफीम का तस्कर है खुदा
बना देता है धर्म के नशे का आदी
सीधे-सादे लोगो को
दूर कर देता असली खुशी जिनसे
देता है खुशी की भ्रान्ति उन्हें
खुदा का वजूद बनाते हैं नाखुदा
कर देता है जो लोगों को हकीकत से जुदा
[ईमि/०३.०८.२०१३]

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