Wednesday, June 19, 2013

दस्तूर-ए-तारीख

यही है दस्तूर-ए-तारीख जब से सभ्य हुआ समाज
गरीब पर ही गिरती रही है गम-ए-जहां की गाज
[ईमि/१९.०६.२०१२]

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