Tuesday, June 11, 2013

मुहब्बत बन जाती है जब इबादत


पूजते हैं जिसको वह भगवान होता है
पा नहीं सकते उसे
क्योंकि कल्पना का  होता नहीं कोई मुकाम
मुहब्बत बन जाती है जब इबादत
प्रेमी प्रेमी नहीं रहते
बन जाते हैं भक्त और भगवान
[ईमि/११.०६.२०१३]

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