Thursday, February 28, 2013

कायरतापूर्ण पलायन है खुदकुशी


कायरतापूर्ण पलायन है खुदकुशी
नकली जहर पीते हैं  नाकाम आशिक
सहानुभूति की की उम्मीद में
कहते हैं जहर था अमृत माफिक
न जी पाते हैं न मरते ऐसे डरपोक
होते नहीं ये अभागे ज़िंदगी के सुख से वाकिफ
[ईमि/२८.०२.२०१३]

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