चमकदार चेहरों के पीछे बदबूदार इरादे होते हैं
चमकदार चेहरों के पीछे बदबूदार इरादे होते हैं
लेकिन जैसा कि यूरोप के नवजागरण काल केकालजयी दार्शनिक मैक्यावली ने सही कहा है
जनता होती है सीधे-सादे लोगों की महज एक भीड़
सच की तहकीकात करने के पचड़े में नहीं पड़ती
जो दिखता है, उसी को ही सच मान लेती है
और जब जनता भक्तिभाव से राजा का भजन गाए
तो करते रहें सच का अनुसंधान ज्ञान-मानी
उनकी बात नक्कारखाने के शोर में दब जाती है
इसीलिए जरूरी है जनता का भक्तिभाव से मोहभंग
तभी होगा जनता में वर्गचेतना का संचार
खोजेगी जो खुद धोखा-धड़ी और छल का उपचार।
(ईमि: 05.02.2024)
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